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दृष्टि कोण एक जैसा सबका नहीं
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कुपित
मानव यात्रा
निर्दोष और सच्चा
वस्तु स्वरूप
इंसानियत
Hindi
निर्दोष दृष्टि
Quotes
दृष्टि, जिस रूप में देखना चाहे, वस्तु का यदि वही रूप देख पाए ...
इस जग के सुधार की दवा, हैं ऊर्जावान ईमानदार युवा। स्वार्थ से ...
सूक्ष्म दृष्टि से देखे जाएं तो बहुत से अच्छे दिखते कार्य भी ...
लक्ष्य मानव यात्रा का वह समाज संस्कृति लाने का हो! जिसमें ...
जो स्वयं दोषी होकर भी निर्दोष आत्मीय जनों को कुपित करता हैं, ...
जितना मन उतना भाव जितना दृष्टि उतना कोण किसको देखो किसका सुन ...
एक जैसा नहीं होता सबका दृष्टि कोण। किसी को परखना भी नहीं चाह ...
सब का दृष्टिकोण एक जैसा होता तो धरती कब का स्वर्ग नहीं तो नर ...
कमियाँ शायद मुझमें ही बहुत थीं, पर मैं हमेशा आइनों में ही द ...
शनिवार : इंसान मास भी खाने लगा है, निर्दोष पशु भी खाने लगा ...
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